MBBS की 30 फीसदी सीटों की भोपाल में होगी पढ़ाई
भोपाल
मध्यप्रदेश राज्य स्तरीय संयुक्त काउंसलिंग नीट यूजी 2020 की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वर्तमान सत्र में सूबे में 22 कॉलेजों की 3440 सीटों पर प्रवेश होना हैं। इसके तहत एमबीबीएस के साथ बीसीएस में प्रवेश लेने पहले राउंड में अभी तक 1300 विद्यार्थियों ने अपना पंजीयन करा लिया है। जबकि 2535 ने अपनी प्रोफाइल बना ली है। रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि दस नवंबर रखी गई है।
प्रदेश में नीट के माध्यम से एमबीबीएस में प्रवेश का सिलसिला शुरू हो गया है। नीट काउंसलिंग में राजधानी के छह मेडिकल कॉलेज शामिल हो रहे हैं। इसमें एक सरकारी और पांच निजी कॉलेज शामिल हैं। केंद्र ने भोपाल के आरकेडीएफ और महावीर मेडिकल कॉलेज को एमबीबीएस में 150-150 सीटों पर प्रवेश कराने की मान्यता दी है। इससे भोपाल में न सिर्फ मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ोतरी हुई है। बल्कि सीटों में इजाफा हुआ है। नए कॉलेजों को मिली मान्यता को जोड़कर अब भोपाल में एमबीबीएस की कुल सीटों की संख्या 1000 हो गई है। यह आंकड़ा प्रदेश की कुल एमबीबीएस सीट का 30 फीसदी से अधिक है।
नये आयोग के साथ राज्य और केंद्र सरकार से मिला सहयोग
भोपाल और प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ने के बारे में आयुक्त चिकित्सा शिक्षा के निशांत बरबड़े का कहना है कि इस दिशा में केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रही हैं। नए मेडिकल कमीशन भी पूरा सहयोग कर रहा है, जिससे सरकारी क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्र के मेडिकल कॉलेजों को भी मान्यता दी जा रही है। इससे प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा बच्चे एमबीबीएस में दाखिला लेकर डिग्री कर सकें।
कल से छह तक होंगी आपत्तियां दर्ज
पहले चरण की काउंसलिंग में दस नवंबर तक रजिस्ट्रेशन होंगे। चार से छह नवंबर के बीच विद्यार्थी आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे। सात नवंबर को सीटों की अंतिम सूची जारी की जाएगी। 11 नवंबर को मैरिट लिस्ट जारी होगी। 12 से 15 नवंबर के बीच च्वाइस फिलिंग और सीट लॉकिंग। 19 नवंबर को सीट अलॉटमेंट। 20 से 28 नंवबर के बीच प्रवेश प्रक्रिया दस्तावेजों का सत्यापन होगा। 20 नवंबर से 2 दिसंबर के बीच विद्यार्थी अपग्रेडेशन का विकल्प दे सकेंगे। 20 नवंबर से दो दिसंबर के बीच विद्यार्थियों पर सीट लीविंग बांड लागू नहीं होगा।
नीट की वर्तमान काउंसलिंग में सूबे के कुल 22 मेडिकल कॉलेज शामिल हो रहे हैं। इसमें 13 सरकारी और नौ निजी कालेज शामिल हैं। उक्त 22 मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की कुल तीन हजार 485 सीटें हैं। वर्तमान वर्ष में प्रवेशित विद्यार्थी पांच साल बाद डॉक्टर बनकर निकलेंगे। इस तरह पांच साल बाद हर साल मप्र को तीन हजार से ज्यादा डॉक्टर मिलना शुरू हो जाएंगे।
सूबे निजी कॉलेज
- चिरायु 150 सीट
- एलएन 150
- पीपुल्स 150
- आरकेडीएफ 150
- महावीर 150
- इंडेक्स 250
- आरडीगार्डी 150
- अमलतास 150
- अरबिंदो 150
- राज्य के सरकारी कॉलेज
- जीएमसी भोपाल 250
- एमजीएम इंदौर 250
- जीआरएम ग्वालियर 180
- एनएसबी जबलपुर 180
- एसएसएम रीवा 150
- बीकेएम सागर 125
- खंडवा 120
- दतिया 120
- रतलाम 180
- अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कालेज विदिशा 180
- शहडोल 100
- शिवुपरी 100
- छिंदवाड़ा 100
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